कोलकाता। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस आरोप को खारिज कर दिया कि वह पश्चिम बंगाल के लिए बाहरी हैं और कहा कि वह अपनी पार्टी के प्रचार के लिए राज्य आते रहते हैं। शाह ने हैरानी जताई कि पश्चिम बंगाल आने के लिए उन्हें बाहरी कहा जाएगा, जो भारत का हिस्सा है, तो फिर जब ममता बनर्जी दिल्ली आती हैं तो उन्हें बाहरी क्यों नहीं कहा जाए? भाजपा नेता मंगलवार को शहर में बुद्धिजीवियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। शाह कहा कि मैं एक राष्ट्रीय पार्टी का अध्यक्ष हूं और यहां अपनी पार्टी का प्रचार करने के लिए आया हूं।
उन्होंने कहा कि मुझे पश्चिम बंगाल आने के लिए बाहरी कहा जा रहा है। यह किस तरह का बयान है? अगर पश्चिम बंगाल का कोई व्यक्ति मुंबई या बेंगलुरु जाता है तो क्या उसे बाहरी कहा जाएगा? जब ममता दीदी दिल्ली जाती हैं तो उन्हें बाहरी कहना चाहिए? गौरतलब है कि बनर्जी ने बार-बार आरोप लगाया है कि शाह एक बाहरी हैं जो राज्य में लोगों के बीच विभाजन पैदा करने के लिए आते हैं। इसके बाद शाह ने यह टिप्पणी की है। शाह ने कहा कि अगर भाजपा पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव जीतती है तो एक बंगाली ही मुख्यमंत्री होगा। न तो मैं और न ही कैलाश विजयवर्गीय मुख्यमंत्री बनेंगे।
विजयवर्गीय मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं। वह बंगाल में पार्टी मामलों के प्रभारी हैं। शाह ने उत्तर कोलकाता में उनके रोडशो के दौरान मंगलवार को हुई हिंसा के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराने वाले मीडिया के एक वर्ग की भी आलोचना की। भाजपा प्रमुख ने कहा कि मीडिया का एक वर्ग इसे इस तरह से पेश कर रहा है कि जैसे हमने संघर्ष शुरू किया था। खबर यह होनी चाहिए कि टीएमसी के गुंडों ने काफिले पर हमला किया। लेकिन समाचार संगठनों का एक वर्ग अलग तरह से इसे चित्रित करने की कोशिश कर रहा है। शाह के मंगलवार को हुए रोड शो के दौरान भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे।